शनिवार, 17 मई 2008

१७ मई : आज मे भइया के ऑफिस मे दो बजे रात तक

आज मे भइया के ऑफिस मे दो बजे रात तक बैठा हूँ . यह पेपर कैसे छपता ये देखने के लिए मे आया था .पर बाकि ऑफिस देखने मे भी काफी मजा आया .ऑफिस एकदम शानदार बहुमंजिला इमारत है .जिसमे कई सारे कमरे है साथ ही यह पर एक बड़ा सा रिसेप्शन रूम और एक बड़ा सा रेस्टोरेंट की तरह भोजन कक्ष है.यही पर नीचे मे साडी मशीने है जो की काफी बड़ी है.इनमे पेपर छपते देखना मेरे लिए काफी रोमांचकारी अनुभव था ।

कहते है ये सभी लगभग ४ से ५ लाख कीमत की है इनमे टेलीफोन के वायर रोल की तरह ही पेपर रोल लगते है जोकि १५० किलो के होते है और लगभग १५ किलोमीटर लंबे है. मशीन मे ये पुरा रोल फसाया जाता है .पेपर पहले मेटल प्लेट मे छपता है फिर उसकी कॉपी पेपर मे आती है .इनका ऑफिस किसी फिल्मी ऑफिस की तरह ही दिखता है जो आकर्षक है इसमे हर किसी की अलग डेस्क है और हर डेस्क पे १ कंप्यूटर रखा होता है .साथ ही जैसा की मेरा अंदाज था की यह एयर कंदिशनेर की ठंडी तजि हवा आती है .जिसके कारन हमारेम भइया जी दिन बा दिन गोरे होते और निखरते जा रहे है ।

और क्या कहूँ यहाँ का स्टाफ वैसे तो मुझे ठीक ही लगा. और हाँ युः कियो छत से नजर और आसमान काफी साफ नजर आता हैं मुझे तो ये जगह काफी अच्छी लगी . ये बिल्डिंग काफी आधुनिक और कई अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है यह पे टीवी भी है (कुल मिलाकर काफी मजेदार और रोमांचकारी अनुभव रहा ये ।)

@ आपका अखिलेश पवार@

2 टिप्‍पणियां:

Anastácio Soberbo ने कहा…

Hello, I like this blog.
Sorry not write more, but my English is not good.
A hug from Portugal

Hallo, schön Blog.
Leider nicht mehr schreiben.
Eine Umarmung aus Portugal

बेनामी ने कहा…

ok but i under stand only hindi & english so plz try to write in english .thans for the complement.